गदराया गोधूम का खेत, मटर नीले ध्वज को उठाए खड़ा है। गदराया गोधूम का खेत, मटर नीले ध्वज को उठाए खड़ा है।
नीले पड़ते जाते हैं इश्क़ में लाल रंग से। नीले पड़ते जाते हैं इश्क़ में लाल रंग से।
इन सामाजिक बोझों के जो आया तू अधीन , अस्तित्व खुद का लिया तूने खुद से ही छीन। इन सामाजिक बोझों के जो आया तू अधीन , अस्तित्व खुद का लिया तूने खुद से ही छीन।
तुम कृष्ण में यादव ढूंढ़ते हो तुम दलित - शूद्र ना छूते हो तुम संपत्ति ओढ़े बैठे हो तुम कृष्ण में यादव ढूंढ़ते हो तुम दलित - शूद्र ना छूते हो तुम संपत्ति ओढ़े...
भेदों की पहचान परख स्वयं को परे रखना। भेदों की पहचान परख स्वयं को परे रखना।
विश्व में सेवा संदेशा घूमता फिरता रहे बस सच्ची मानवता जगाएं मनुज हरदम ही परस्पर। विश्व में सेवा संदेशा घूमता फिरता रहे बस सच्ची मानवता जगाएं मनुज हरदम ही परस्...